भोपाल में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में पटवारी ने कहा, यह बात मैंने पहले भी कही है क्योंकि जब भी वह सामने आएगा तो कई लोगों के चेहरे बेनकाब होंगे। सौरभ शर्मा के वकील भी उसके एनकाउंटर की आशंका जता चुके हैं। ऐसे में सौरभ की गिरफ्तारी कर उसे सुरक्षा देनी चाहिए। भ्रष्टाचार के सच को सामने लाना चाहिए। सारे राज प्रदेश की जनता के सामने लाना चाहिए।
पटवारी ने कहा, जनता के बीच यह स्पष्ट हो गया है कि मप्र की सरकार कर्ज, क्राइम, करप्शन और कमीशन की है। भाजपा में लूट के पैसों की लड़ाई होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाकाल में जिन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिन्हें पद दिए जा रहे हैं, प्रशासक बना रखा है, वे सभी लूटपाट कर एक-एक, डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये तक की अवैध कमाई कर आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा, स्वजन और इनसे संबंधित कंपनियों के नाम पर 23 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। इसके अतिरिक्त इन सभी के बैंक खातों में चार करोड़ रुपये जमा होने का भी पता चला है। ईडी ने संपत्ति और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर छह करोड़ रुपये से अधिक राशि बैंक में एफडी के रूप में जमा होने की भी जानकारी मिली है।
कथित तौर पर अवैध तरीके से प्राप्त आय में इनकी हिस्सेदारी थी। तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर छह करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स डिपाजिट के रूप में चल संपत्ति मिली है। जब्त दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों, कंपनियों के नाम पर संपत्ति खरीदी थी।
ईडी ने लोकायुक्त, विशेष पुलिस स्थापना भोपाल द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर प्रकरण कायम कर छापा मारा था। ईडी की जांच के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों का विवरण सामने आया। ईडी की तलाशी में पता चला कि सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर काम करते हुए भ्रष्टाचार के जरिए अवैध धन अर्जित कर कथित तौर पर ऐसी संपत्तियां खरीदीं और अधिग्रहित की थीं।
छापेमारी के बाद ईडी भोपाल ने सोमवार को चेतन सिंह गौर से पूछताछ की है। सूत्रों के अनुसार चेतन ने ईडी में भी वही बात दोहराई जो आयकर अधिकारियों को दिए बयान में कहा था। चेतन का कहना है कि कार भले ही उसके नाम है, पर सौरभ ही उपयोग करता था।
अन्य संपत्तियां भी उसने मेरे नाम से खरीदी थीं। चेतन के नाम एक पेट्रोल पंप और फिशरीज के ठेका का भी पता चला है। ईडी की टीम इस मामले में सौरभ, शरद जायसवाल, सौरभ के रिश्तेदारों व अन्य संबंधितों से पूछताछ करेगी।